रक्षा बंधन: एक पूर्ण मार्गदर्शिका और शुभ मुहूर्त की जानकारी

(Raksha Bandhan)रक्षा बंधन कब है?
इस वर्ष, रक्षा बंधन 19 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है, जो 19 अगस्त को सुबह 03:04 बजे से शुरू होगी और रात 11:55 बजे तक चलेगी। रक्षा बंधन का पर्व विशेष रूप से इस तिथि पर मनाया जाता है, क्योंकि यह भाई-बहन के रिश्ते को विशेष रूप से प्रगाढ़ करने का एक पवित्र अवसर होता है।
रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है?
रक्षा बंधन एक ऐसा पर्व है जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, और यह भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और पवित्रता को मनाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो एक रंग-बिरंगी और सजावटी धागा होता है। राखी बांधने के माध्यम से, बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं। राखी के साथ बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उन्हें मिठाई या अन्य विशेष पकवान भी देती हैं, जो इस अवसर की मिठास को और बढ़ाते हैं।
इसके बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं, जो केवल भौतिक वस्तुएं नहीं होतीं, बल्कि यह उनके प्यार, समर्थन और उनकी रक्षा के प्रति वचन का प्रतीक भी होता है। भाई अपनी बहनों को विशेष उपहार देकर उनके प्रति अपनी गहरी भावनाओं और कृतज्ञता को व्यक्त करते हैं। यह उपहार भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि यह रिश्ता स्नेह और समर्थन से भरा रहे।
रक्षा बंधन का त्योहार न केवल भाई-बहन के रिश्ते को एक विशेष स्थान प्रदान करता है, बल्कि यह पूरे परिवार और समाज में भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान और स्नेह देने का एक अवसर भी है। यह दिन भाई-बहन के बीच स्नेह और रिश्ते को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह पर्व परिवार की एकता, सामंजस्य और प्यार को बढ़ावा देता है, और यह दर्शाता है कि परिवार के सदस्य एक-दूसरे के लिए हमेशा समर्थन और सुरक्षा का प्रतीक होते हैं।
इस प्रकार, रक्षा बंधन केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और महत्व को मान्यता देने, उसे सम्मानित करने और उसे सशक्त बनाने का एक पवित्र अवसर है। यह पर्व हमें सिखाता है कि रिश्तों में स्नेह, समर्थन और सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण होती है, और यह हमें अपने परिवार और रिश्तों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और निभाने का अवसर प्रदान करता है।
रक्षा बंधन का महत्व क्या है ?
रक्षा बंधन का महत्व सिर्फ एक पारंपरिक त्योहार के रूप में नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच गहरी भावनात्मक और सामाजिक बंधन को भी दर्शाता है। यह दिन भाई-बहन के बीच रिश्ते की अहमियत और प्यार को उजागर करता है। रक्षा बंधन का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह परिवार और रिश्तों की मजबूती को दर्शाता है और समाज में भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान प्रदान करता है।
राखी बंधने का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष रक्षा बंधन का मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। यह समय भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से रिश्तों में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
भद्राकाल में राखी क्यों नहीं बांधी जाती है?
भद्राकाल एक ऐसा समय होता है जिसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस समय कोई भी मांगलिक कार्य, जिसमें राखी बांधना भी शामिल है, वह नहीं किया जाना चाहिए। भद्राकाल के दौरान राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में तनाव उत्पन्न हो सकता है और मनोकामनाएं पूरी नहीं हो सकतीं। इसलिए रक्षा बंधन का पवित्र कार्य शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। भद्राकाल की समाप्ति होने के बाद ही राखी बांधने की सलाह दी जाती है।
भद्राकाल का समाये
भद्राकाल की शुरुआत पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ होती है और इस वर्ष यह 19 अगस्त को प्रातः 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। भद्रा मुख का समय 19 अगस्त को प्रातः 10:53 से दोपहर 12:37 तक रहेगा, जबकि भद्रा पूंछ का समय प्रातः 09:51 से प्रातः 10:53 तक रहेगा।
रक्षाबंधन पर पंचक का समय
रक्षाबंधन के दिन शाम के समय पंचक भी लग रहा है। पंचक शाम 7 बजे से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 5 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। हालांकि, यह पंचक राज पंचक होगा, जो अशुभ नहीं माना जाता, बल्कि शुभ होता है।
रक्षाबंधन 2024 के शुभ योग
इस वर्ष रक्षाबंधन पर तीन प्रमुख शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी खास बना देंगे:
- शोभन योग: यह पूरे दिन रहेगा। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: यह प्रातः 05:53 AM से 08:10 PM तक रहेगा। इस योग में सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और भाई-बहन के रिश्ते में स्नेह बढ़ता है।
- रवि योग: यह भी प्रातः 05:53 AM से 08:10 PM तक रहेगा। रवि योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है और भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास और समर्थन बढ़ता है।
इन शुभ योगों के कारण रक्षाबंधन का पर्व और भी फलदायी और मंगलमय हो जाएगा, जिससे भाई-बहन के जीवन में खुशहाली और समृद्धि आएगी।