karwa chauth 2024

करवा चौथ 2024

करवा चौथ का पर्व इस वर्ष 20 अक्टूबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। यह विशेष व्रत उत्तर भारत के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और गुजरात में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जला व्रत करती हैं।


करवा चौथ 2024 के प्रमुख अनुष्ठान और विधियाँ

  1. सर्गी:
    व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले सर्गी के सेवन से होती है, जो सास के द्वारा बहू को दी जाती है। इसमें फल, मिठाइयाँ, मेवे और हल्के भोजन शामिल होते हैं, ताकि पूरे दिन ऊर्जा बनी रहे।

  2. व्रत और पूजा:
    सर्गी के बाद महिलाएं पूरे दिन बिना भोजन और पानी के निर्जला उपवास करती हैं। शाम को वे सुंदर परिधानों में सज-धज कर करवा चौथ की पूजा करती हैं और एक-दूसरे के साथ व्रत कथा (करवा चौथ की कहानी) सुनती हैं। पूजा के दौरान एक मिट्टी के करवा (घड़ा) का उपयोग किया जाता है।

  3. चंद्र दर्शन और व्रत समाप्ति:
    रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद महिलाएं चलनी से चाँद को देखती हैं और फिर पति को भी उसी चलनी के माध्यम से देखती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर या मिठाई खिलाकर व्रत समाप्त करवाता है।


पूजा का मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

  • पूजा का मुहूर्त: शाम 5:45 PM से 6:45 PM (स्थान के अनुसार समय भिन्न हो सकता है)
  • चंद्रोदय का समय: लगभग 8:15 PM (क्षेत्र के अनुसार अंतर हो सकता है)

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि दांपत्य जीवन में आपसी समझ और सामंजस्य को भी बढ़ावा देता है। आधुनिक समय में करवा चौथ को एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं पारंपरिक कपड़ों और गहनों से सजकर इस दिन को और भी खास बनाती हैं।

करवा चौथ की पौराणिक कथा

करवा चौथ से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा वीरवती की है। आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में:


वीरवती की कथा

प्राचीन समय में एक सुंदर और धर्मपरायण रानी वीरवती नाम की स्त्री थी। वह अपने सात भाइयों की इकलौती बहन थी और सभी भाई उससे बहुत प्रेम करते थे। वीरवती का विवाह एक वीर राजा से हुआ था। अपने पति की लंबी उम्र के लिए उसने पहली बार करवा चौथ का व्रत रखा।

व्रत के दिन वीरवती ने सूर्योदय से पहले सर्गी खाई और दिनभर निर्जला व्रत किया। लेकिन शाम होते-होते वह अत्यधिक भूख और प्यास से कमजोर हो गई। उसकी यह हालत उसके भाइयों से देखी नहीं गई।

अपने प्रिय बहन को इस कष्ट से बचाने के लिए भाइयों ने चालाकी से एक उपाय किया। उन्होंने एक पेड़ के पीछे आईना रखकर ऐसा भ्रम पैदा किया मानो चंद्रमा उदय हो चुका हो। वीरवती ने सोचा कि चाँद निकल आया है, और उसने चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ दिया।

जैसे ही उसने पहला कौर खाया, उसे खबर मिली कि उसके पति का अकाल निधन हो गया है। यह सुनकर वह अत्यधिक दुखी हो गई और रोते हुए अपने पति के पार्थिव शरीर के पास पहुंची।


पतिव्रता स्त्री का बल और पुण्य

वीरवती ने अपने पति के शव के पास बैठकर पूरी रात प्रार्थना और तप किया। उसकी श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर देवी पार्वती प्रकट हुईं। देवी ने वीरवती को उसके भूलवश किए गए व्रत-भंग के बारे में बताया और उसे पुनः करवा चौथ का व्रत पूरे विधि-विधान से करने का निर्देश दिया। वीरवती ने देवी के आदेश का पालन किया और एक बार फिर पूरे समर्पण से व्रत किया।

उसकी तपस्या और श्रद्धा से प्रसन्न होकर यमराज ने उसके पति को जीवनदान दे दिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत अटूट प्रेम, श्रद्धा, और समर्पण का प्रतीक बन गया।


करवा चौथ की अन्य कथा – करवा और यमराज की कहानी

एक अन्य कथा के अनुसार, करवा नाम की एक स्त्री का पति नदी में स्नान करते समय एक मगरमच्छ द्वारा पकड़ा गया। करवा ने अपनी तपस्या और पतिव्रता धर्म से यमराज को प्रसन्न किया और मगरमच्छ को श्राप देकर उसे राख में बदल दिया। यमराज ने करवा के पति को दीर्घायु का आशीर्वाद दिया। इसी कथा के कारण करवा चौथ पर करवा का विशेष महत्व है।

करवा चौथ के लिए सुंदर उद्धरण

करवा चौथ का ये पावन त्योहार,
लाए हर सुहागन के जीवन में बहार।
पति की लंबी उम्र का वरदान मिले,
प्रेम और विश्वास से जीवन खिले।

Happy karwa chauth

चाँद की रोशनी में सजी है ये रात,
दिल से करते हैं हम एक-दूजे से बात।
करवा चौथ का व्रत है प्यार का पैगाम,
हर जन्म में चाहें हम तेरा ही साथ।

Happy karwa chauth

चलनी में देखा चाँद जब मुस्कुराया,
पिया के प्रेम में ये दिल शरमाया।
करवा चौथ का व्रत है बड़ा प्यारा,
इसमें बसा है हर सुहागन का सहारा।

Happy karwa chauth

करवा चौथ का व्रत है सुहागन का अभिमान,
पति की लंबी उम्र का मिलता है वरदान।
प्रेम और विश्वास से रिश्ता हो और प्रगाढ़,
यही है करवा चौथ का सबसे बड़ा आशीर्वाद।

Happy karwa chauth

इस व्रत में है प्रेम की मिठास,
रिश्तों में जुड़ी है विश्वास की आस।
पति-पत्नी का रिश्ता हो अटूट हमेशा,
करवा चौथ लाए खुशियों का संदेशा।

Happy karwa chauth

मेरे सजना का प्यार ही मेरी जिंदगी है,
उसकी खुशी में ही मेरी बंदगी है।
करवा चौथ का व्रत है उसके नाम,
उम्रभर निभाएँगे हम ये प्यार का पैगाम।

Happy karwa chauth

चाँद का है बेसब्री से इंतजार,
पिया के संग रहना हर जन्म बार-बार।
करवा चौथ का व्रत है प्यारा उपहार,
जीवन में लाए खुशियों की बहार।"

Happy karwa chauth

हर जन्म में तेरा साथ पाऊं,
तेरे बिना कोई पल न बिताऊं।
करवा चौथ का व्रत है इस दुआ का आधार,
तू बने मेरा और मैं बनूं तेरा प्यार।

Happy karwa chauth

करवा चौथ का त्योहार है खास,
दिल में बसी है एक अनोखी आस।
हर पल बस तेरा साथ रहे,
हमारा रिश्ता सदा यूं ही खिले।

Happy karwa chauth

चाँद की रोशनी फीकी लगे,
जब तेरे चेहरे की चमक दिखे।
हर जन्म तेरा साथ मिले,
इसी दुआ में मेरा प्यार खिले।

Happy karwa chauth

ना कोई ख्वाहिश, ना कोई मलाल,
बस हर जन्म में तेरा साथ रहे बेहाल।
करवा चौथ का व्रत है इसी यकीन का,
तू ही मेरा सब कुछ है, तुझे चाहा है जी-जान से।

Happy karwa chauth

करवा चौथ है प्रेम का उत्सव,
जिसमें बसी है ममता और तपस्वी भावनाएं।
दुआ करती हूं चाँद से यही,
हर जन्म में तू मेरा साथी बन जाए।

Happy karwa chauth

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